जयपुर मेट्रो की जनता को चेतावनी; जानलेवा हो सकता है मेट्रो रेल मार्ग में पतंगबाजी करना
2018 का पहला बड़ा त्यौहार मकर संक्राति आने वाला है, जिसकी तैयारियों में लोग जुट गए है. गुलाबी नगरी जयपुर में इस पर्व का विशेष महत्व है, यहाँ की पतंगबाज़ी के पुरे देश में चर्चे होते है. कहा जाता है कि मकर संक्राति के उपलक्ष में जयपुर की जनता इतने जोश के साथ पतंगबाज़ी करती है कि आसमान पतंगों से ढक जाता है.
लेकिन ये पतंगबाज़ी जयपुर मेट्रो के लिए जनता की सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर चिंता का विषय बन गया है, जिसके चलते जयपुर मेट्रो ने जनता को चेतावनी देने के साथ-साथ सतर्क रहने की पहल की है. आज कल जयपुर मेट्रो के कर्मचारी यात्रा करने वाले अथवा आस-पास से गुजरने वाले लोगो को पर्चे वितरण कर रहे है, जिनमे जनता से विनम्र अपील की गयी है कि 'मेट्रो रेल मार्ग में पतंगबाज़ी खतरनाक होने के साथ-साथ जान लेवा भी हो सकती है'.
इस पर्चे में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जयपुर में मेट्रो के मानसरोवर से चांदपोल मार्ग में रेल संचालन 25000 वॉल्ट बिजली के तारो द्वारा किया जाता है, जिनमे लगातार 24 घंटे करंट चालू रहता है. यह बिजली के तार मेट्रो रूट पर सड़क से करीब 30 मीटर ऊंचाई तक है. यदि पतंग का मांझा इन बिजली के तारो में उलझ जाये तो करंट इस मांझे से सीधे ही पतंग उड़ाने वाले तक पहुँच कर खतरनाक व जानलेवा साबित हो सकता है. पूर्व में भारतीय रेल, मेट्रो एवं बिजली कंपनियों के तारो में पतंगबाज़ी के कारण इस तरह की घटनाये हो चुकी है.
जयपुर मेट्रो के आंकड़ों के अनुसार, गत वर्ष मकर संक्राति की अवधि में चार बार मेट्रो ट्रेनों के संचालन में रुकावट आयी तथा बिजली के तारो से करीब 5000 पतंगों एवं काफी तादाद में इसके माँझो को हटाने में रात-दिन मशक्कत करनी पड़ी.
जयपुर के नागरिको को सजग करते हुए जयपुर मेट्रो ने निवेदन किया है कि "मेट्रो रेल मार्ग के ऊपर पतंगबाज़ी से परहेज़ करे, इससे उनके जीवन को किसी नुकसान से रोकने के साथ ही पतंग व इसके मांझे के उलझने के कारण मेट्रो रेल संचालन को भी प्रभावित होने से रोका जा सकेगा".
जयपुर मेट्रो की नागरिको की सुरक्षा के प्रति ये पहल सराहनीय है जो कि ये दर्शाता है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को समझते है और जनता की सुरक्षा के प्रति गंभीर है. जयपुर मेट्रो ने तो चेतावनी दे कर अपनी जिम्मेदारी पूरी की, लेकिन अब देखना ये है कि क्या जयपुर के नागरिक खुद की सुरक्षा को ले कर गंभीर है या नहीं? क्योकि समझने और चेतावनी देने के बाद भी अगर हम लापरवाही बरतते है और कोई हादसा हो जाता है तो उसके जिम्मेदार हम खुद होंगे.
लेकिन ये पतंगबाज़ी जयपुर मेट्रो के लिए जनता की सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर चिंता का विषय बन गया है, जिसके चलते जयपुर मेट्रो ने जनता को चेतावनी देने के साथ-साथ सतर्क रहने की पहल की है. आज कल जयपुर मेट्रो के कर्मचारी यात्रा करने वाले अथवा आस-पास से गुजरने वाले लोगो को पर्चे वितरण कर रहे है, जिनमे जनता से विनम्र अपील की गयी है कि 'मेट्रो रेल मार्ग में पतंगबाज़ी खतरनाक होने के साथ-साथ जान लेवा भी हो सकती है'.
मकर संक्राति के दिन जयपुर में पतंगबाज़ी का नज़ारा PC AmarUjala |
इस पर्चे में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जयपुर में मेट्रो के मानसरोवर से चांदपोल मार्ग में रेल संचालन 25000 वॉल्ट बिजली के तारो द्वारा किया जाता है, जिनमे लगातार 24 घंटे करंट चालू रहता है. यह बिजली के तार मेट्रो रूट पर सड़क से करीब 30 मीटर ऊंचाई तक है. यदि पतंग का मांझा इन बिजली के तारो में उलझ जाये तो करंट इस मांझे से सीधे ही पतंग उड़ाने वाले तक पहुँच कर खतरनाक व जानलेवा साबित हो सकता है. पूर्व में भारतीय रेल, मेट्रो एवं बिजली कंपनियों के तारो में पतंगबाज़ी के कारण इस तरह की घटनाये हो चुकी है.
जयपुर मेट्रो के आंकड़ों के अनुसार, गत वर्ष मकर संक्राति की अवधि में चार बार मेट्रो ट्रेनों के संचालन में रुकावट आयी तथा बिजली के तारो से करीब 5000 पतंगों एवं काफी तादाद में इसके माँझो को हटाने में रात-दिन मशक्कत करनी पड़ी.
जयपुर के नागरिको को सजग करते हुए जयपुर मेट्रो ने निवेदन किया है कि "मेट्रो रेल मार्ग के ऊपर पतंगबाज़ी से परहेज़ करे, इससे उनके जीवन को किसी नुकसान से रोकने के साथ ही पतंग व इसके मांझे के उलझने के कारण मेट्रो रेल संचालन को भी प्रभावित होने से रोका जा सकेगा".
जयपुर मेट्रो की नागरिको की सुरक्षा के प्रति ये पहल सराहनीय है जो कि ये दर्शाता है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को समझते है और जनता की सुरक्षा के प्रति गंभीर है. जयपुर मेट्रो ने तो चेतावनी दे कर अपनी जिम्मेदारी पूरी की, लेकिन अब देखना ये है कि क्या जयपुर के नागरिक खुद की सुरक्षा को ले कर गंभीर है या नहीं? क्योकि समझने और चेतावनी देने के बाद भी अगर हम लापरवाही बरतते है और कोई हादसा हो जाता है तो उसके जिम्मेदार हम खुद होंगे.
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